۱۴ مهر ۱۴۰۳ |۱ ربیع‌الثانی ۱۴۴۶ | Oct 5, 2024
समाचार कोड: 391703
4 अक्तूबर 2024 - 10:37
दिन की हदीस

हौज़ा / हज़रत इमाम अली अलैहिस्सलाम ने एक रिवायत में अधिकारियों के अधिकार और हैसियत को बयान फरमाया हैं।

हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार , इस रिवायत को "बिहारूल अनवार" पुस्तक से लिया गया हैं इस रिवायत का पाठ इस प्रकार है:

:قال أمیر المؤمنین علیه السلام

وَمَكَانُ الْقَيِّمِ بِالاَمْرِ مَكَانُ النِّظَامِ مِنَ الْخَرَزِ يَجْمَعُهُ وَيَضُمُّهُ: فَإِنِ انْقَطَعَ النِّظَامُ تَفَرَّقَ وَذَهَبَ، ثُمَّ لَمْ يَجْتَمِعُ بِحَذَافِيرِهِ أَبَداً

हज़रत इमाम अली अलैहिस्सलाम ने फरमाया:

मामलों में शासक की स्थिति (सल्तनत) में हाकिम की हैसियत वही होती है जो मोहरों में उस डोरे की होती है, जो उन्हें समेट कर रखता है जब डोर टूट जाए, तो सारी मोहरे बिखर जाएंगी और फिर कभी समेटी नहीं जा सकेंगी।

बिहारूल अनवार, खुत्बा 46

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